साजन तेरे इश्क़ की खुमारी।
साजन तेरे इश्क़ की खुमारी। अब नहीं उतरेगी उम्र सारी। कुछ कहे अनकहे अल्फाजों से, जिंदगी सँवरने लगी हमारी। बिना तुम्हारे कभी आती नहीं , अब ये नींदें भी हुई तुम्हारी। गुजरते नहीं वक्त बिन तुम्हारे , गिन-गिन कर तारे रात गुजारी। अर्पित है तुम पर निर्मल तन मन , जन्मों से तेरी प्रेम पुजारी। छुपा कर नजर में रख लो साजन , मैं हूँ घर की लक्ष्मी संस्कारी। -लक्ष्मी सिंह