शब्द -औकात, बदजात.तहकीकात, मुलाकात.शुरुआत


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टूट रही हैं ख्वाहिशें, बुझे हुए हालात।
वक्त बताता है यहाँ, किसकी क्या औकात।।
जब भी की इसने यहाँ, सच्ची सीधी बात।
लोग इसे कहने लगे, ये औरत बदजात।।
जीवन भर सहते रहे, अपनों का प्रतिघात।
कभी नहीं इसने किया, हक की तहकीकात।।
अश्क पोछते-पोछते, गुजरे हैं दिन-रात।
ख्वाबों में भी ना हुई, खुशी से मुलाकात।।
डर मत काली रात से, कहने लगा प्रभात।
जीवन की फिर से करो, एक नई शुरुआत।।
-लक्ष्मी सिंह 

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