इंटरनेट


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कल्प वृक्ष सम बन गया, अब तो इंटर नेट।
जो जोड़े संसार को, वैज्ञानिक की भेंट।। १

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कितना अजीब हो रहा , समय बड़ा ही आज ।
सभी लगे हैं नेट पर , त्यागे अपने काज ।।२

कटता इंटर नेट जब, सब होते बेहाल।
तड़पे पानी के बिना, मछली जैसा हाल।। ३

🌹 🌹 🌹 🌹 –लक्ष्मी सिंह 💓 ☺

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