आज कल के युवा वर्ग

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युवा वर्ग तो आज कल, झूठा करें प्रपोज।
बदले कपड़ों की तरह,अपना साथी रोज।। १।
युवा वर्ग में आज कल, पागलपन की होड़।
संस्कारों को भूलकर, होती अंधी दौड़।। २।
खेद, आप समझे नहीं, नासमझी का कोढ़।
गड्ढे में खुद जा गिरे, क्यों मृगतृष्णा ओढ़।।३।
🌹 🌹 🌹 🌹 -लक्ष्मी सिंह 💓 ☺

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