सिन्दूर

लाल रंग सिन्दूर का, है शक्ति का प्रतीक।
कमजोरी समझो नहीं , दुर्गा रूप सटीक।। १

सुर्ख लाल सिन्दूर में, छुपा शक्ति का राज।
इस ताकत के सामने, हार गये यमराज।। २

माँग भरी सिन्दूर ये, नहीं सिर्फ श्रृंगार।
पति पर जब विपदा पड़े, बन जाता हथियार ।। ३

चुटकी भर सिन्दूर में, है पूरा ब्रह्मांड।
मंगल सूचक जो सदा, रखे सुहाग अखंड।। ४

दिल से दिल मिलता नहीं, क्या करना सिन्दूर।
ऐसे बंधन से अलग, अच्छा रहना दूर।।५
—लक्ष्मी सिंह

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