खुशी


खुशी जीत की नई परिभाषा का नाम  है। 
जीवन जीने की चाहत का एक  जाम है।



गम की बेला आती है जीवन में  सब के,

इसी से ही तो सजता खुशियों  का दाम है। 

  मायूसी से भरे  इस पूरे संसार में,
खुशी ही तो लाता आशा  का पैगाम है। 



खुली आखों से खुशी कभी भी नहीं दिखती, 

मन के आखों से लेना पड़ता काम है। 



छोटी-छोटी खुशी में ही तो जिन्दगी है ,

सभी चिन्ता से  मुक्ति खुशी का परिणाम है ।



जो दूसरो का  गम थोड़ा भी  बांट लेता, 

उस के ही जीवन में खुशियाँ सुबह -शाम है। 



-लक्ष्मी सिंह 

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